कच्चा चिट्ठा

Tuesday, June 16, 2009

थकने की तुम्हारी जिद्द धोनी

सुधीर राघव
टी-२० की बादशाहत इतनी बुरी तरह से छिनेगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। हार के कारणों का ठीकरा फोड़ने के लिए हमेशा बलि के बकरे तलाशे जाते हैं। कुछ दिग्गज कंपनियां और मीडिया के हिस्से यह कभी नहीं चाहेंगे कि उनके वे सितारे जिन पर अरबो रुपए का दांव लगा है, उनके खेल और कौशल पर कोई अंगुली उठे। इसलिए दूसरी हार के बाद तत्काल समीक्षा आ गई कि आईपीएल खेलकर थक गए थे धोनी और उनके धुरंधर। वही आईपीएल जिसे खेलकर क्रिस गेल जैसे दर्जनों खिलाड़ी और चमक तथा निखर गए, हमारे धुरंधर थक गए। हो सकता है कि उन्होंने थकने की जिद ठानी हो, तभी तो पद्म सम्मान लेने के लिए न्यौते गए इन खिलाडि.यों ने दिल्ली में पहुंचकर भी राष्ट्रीय सम्मान से किनारा किया और विग्यापन की शूटिंग में लगे रहे। मामला उठा भी और दब भी गया। जिन्हें राष्ट्रीय सम्मान की चिंता न हो, उनसे यह उम्मीद करना कि जब वे देश के लिए खेल रहे हों तो थकान भूलकर खेलेंगे, सचमुच बेमानी है, हां अगर पैसे के लिए कोई काउंटी खेलना हो या विग्यापन करना हो तो अलग बात है।
अगर क्रिकेट कोच की तरह बयान देते तो निसंस्देह गेरी कर्स्टन यह नहीं कहते कि खिलाड़ी थक गए थे। आखिर २०-२० दो-चार घंटे का खेल होता है, इतनी तो खिलाड़ियों को कोच वैसे भी रोज प्रेक्टिस कराते हैं। गेरी पेशवर अंदाज में बोले, उन्हें अपने खिलाड़ियों का बचाव करना था और उसी रणनीति के तहत धोनी दूसरी बात बोले कि आईपीएल और थकान का कोई मतलब नहीं। क्रिकेट को खुदा मानने वाला भारतीय क्रिकेट प्रेमी इस सादगी पर कैसे न मर जाए? गैरी यह भी बोले कि खिलाड़ी चोटिल हुए और हम हार गए। चोटिल लेदेकर एक सहवाग हैं या बताए जाते हैं। उनकी भरपाई रोहित शर्मा ने कर ही दी थी, इसका ढिंढोरा अभ्यास मैच और बांग्लदेश तथा आयरलैंड के खिलाफ जीत के बाद पीटा भी गया था। तब परेशानी कहां रह गई।
असल में जिन जीतों के लिए धोनी श्रेय लेते रहे हैं, वे ज्यादातर सहवाग, गंभीर, युवराज और सचिन की पारियों पर टिकी होती हैं। जब बात धोनी के खेल पर आती है तो बाजी हाथ से निकल जाती है। पिछली तीन हारें, इसी बात की गवाह हैं। धोनी का खेल देखिए, ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच और १२ गेंदों में महत्वपूर्ण पांच रन। अगर आप इस पर विचार करेंगे तो जान जाएंगे कि धोनी मानसिकरूप से कितना थक चुके हैं। अब उन्हें टीम से आराम दिए जाने की जरूरत है। दिनेश कार्तिक अच्छा खेल रहे हैं। वह विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में धोनी से ज्यादा विशेषग्य तरीके से खेलते हैं। पिछले दिनों उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें धोनी के स्टरडम की बलि नहीं चढ़ने देना चाहिए।
हमारे देश का बच्चा-बच्चा क्रिकेट और उसके पीछे की राजनीति को अच्छी तरह से पहचानता है। कोई भी खेल उसकी नजर से छिपा नहीं है। वैसे हार-जीत खेल का हिस्सा है, इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। पर लगातार हो रही हार पर विचार करना प्रबंधन की जिम्मेदारी है और उसके लिए किन खिलाड़ियों को आराम करना चाहिए और किन्हें खेलना यह फैसला करना प्रबंधन की जिम्मेदारी का हिस्सा है, इसे भी स्वीकार किया जाना चाहिए। प्रबंधन को इस दिशा में मजबूती दिखानी चाहिए। धोनी को कम से कम वेस्टइंडीज तो मत भेजिए? उसे थोड़ा आराम करने दीजिए, उसे थोड़े और विग्यापन करने दीजिए। आखिर वह थक गया है। वह भी तो इन्सान है।

Monday, June 15, 2009

चांद क्यों लोटा

सबके जेहन में एक ही सवाल है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि तलाक-तलाक कहने के बाद फिर चांद लोट आया फिजा के पास। यह प्रेम है? अब इस पर कोई विश्वास करने को राजी नहीं। यह कोई सौदेबाजी है? लोग अपनी-अपनी तरह से अटकलें लगा रहे हैं। चांद-फिजा के किस्से में इतने मोड़ आए हैं कि अब इसे कोई गंभीरता से नहीं लेता। यह सिर्फ चैनलों और अखबारों में समाचार के बीच स्ट्रेस बस्टर का काम करता है। हो सकता है कि अब इस कहानी में कोई और मोड़ आए। एकता कपूर के सीरियल्स की तरह अब चांद-फिजा सीरीज के पाठकों और दर्शकों में भी यह जिग्यासा है। चांद क्यों लोटा? दोनों ने चुपचाप अचानक शादी क्यों की? शादी के बाद फिर अचानक चांद गायब क्यों हुआ? गायब होने के बाद उसने लंदन से फोन कर फिजा को तलाक-तलाक क्यों कहा? इन सब सवालों के जवाब आपकों मिलेंगे मगर ब्रेक के बाद। बस देखते और पढ़ते रहें चांद-फिजा की यह सीरीज। यह समाचार भी है और रियल्टी शो भी? आपको इसमें किसका अभिनय ज्यादा पसंद आया हमें अवगत कराएं। आप अपनी टिप्पणी नीचे टिप्पणी के कॉलम में दे सकते हैं? धन्यवाद...

Tuesday, October 14, 2008

सरोगेट मदर

यह खबर आपको हैरान कर सकती है। चंडीगढ़ में कुछ लड़किया किराए पर कोख देने को करियर के तौर पर अपना रही हैं। इस काम के लिए उन्हें २५ से ३० लाख रुपए तक मिल रहे हैं। खासकर इंटरनेट के माध्यम से वे ग्राहक भी ढूंढती हैं। सेक्टर ३३ के संत मेमोरियल नर्सिंग होम की डाक्टर उमेश जिंदल ने बताया कि उनसे कई लोग इसके लिए संपर्क करते हैं। ऐसे तीन केस सफल भी हो चुके हैं। इस खबर को बिस्तार से हिन्दुस्तान के मंगलवार के अंक में पढ़ जा सकता है। रिपोर्ट है तरुणी गांधी की।

Tuesday, September 30, 2008

एक है जर्मन लड़की

चंडीगढ़ के होटल ताज से कुछ युवकों ने एक जर्मन युवती का अपहरण कर लिया। शनिवार रात दो बजकर दस मिनट पर यह वारदात हुई। इसी दिन शहर में विश्व पर्यटन दिवस प्रशासन जोर-शोर से मना रहा था। आरोपी एक स्कॉर्पियो में थे। लड़की अपने दोस्तों के साथ कॉफी पीने रात को होटल पहुंची थी। रविवार को युवकों ने लड़की को सेक्टर २० में उसके दोस्त के घर के पास वापस छोड़ दिया। लड़की १७ के पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई कि युवक उसका अपहरण करके ले गए थे और उन्होंने उससे सामूहिक बलात्कार की कोशिश भी की। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी आरोपियों के नाम का भी खुलासा हो चुका है। सभी जमींदार परिवारों के हैं। अंबाला के आसपास के गांवों के रहने वाले हैं। ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं और कोई काम धंधा भी नहीं करते। युवकों का कहना है कि वे लड़की को लेकर स्थान बदलते रहे, क्योंकि वह चीखती थी और कोई आ न जाए इस डर से वे जगह छोड़ कर दूसरी जगह चल देते थे। अपहरण में जिस स्कॉर्पियो का इस्तेमाल किया गया वह छछरौली (यमुनानगर) के मार्केट कमेटी के चेयरमैन की बताई जाती है।

Friday, September 12, 2008

पीयू पर सोपू और एबीवीपी का कब्जा

पंजाब यूनिवर्सिटी के चुनाव में सोपू और एबीवीपी के गठबंधन ने विपक्ष का सफाया कर चारों सीटों पर कब्जा कर लिया। सोपू के साहिल नंदा प्रेजिडेंट, एबीवीपी की पारुल चौधरी वाइस प्रेजिडेंट और प्रशांत शर्मा सचिव तथा सोपू के दीपक ठाकुर संयुक्त सचिव चुने गए। यह चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। जीतने वाले पदाधिकारियों ने अपनी रणनीति का भी खुलासा कर दिया है। उनका कहना है कि वे पीयू को सेंट्रल स्टेटस दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।
इस बारे में दैनिक हिन्दुस्तान के शनिवार के अंक में विस्तार से पढ़ा जा सकता है। साथ ही पढ़ी जा सकती हैं रवि प्रकाश की रिपोर्ट।

Tuesday, August 19, 2008

आज दुआ कीजिए

बीजिंग ओलंपिक में आज विजेंद्र और जीतेंद्र क्वार्टर फाइनल मुकाबले में क्रमशः इक्वाडोर के कार्लोस गोजोरा और रूस के जेओर्जी बालिक्शन से भिड़ेंगे। भिवानी के इन दोनों रणबांकुरों के लिए आज की जीत ही पदक का सपना साकार कर सकती है। इसलिए इनके लिए दुआ की जानी चाहिए। जितेंद्र का मैच शाम ०४ बजकर ४६ मिनट पर और विजेंद्र का मैच शाम ६ बजकर १६ मिनट पर होगा।

Thursday, July 10, 2008

स्वागत है

भविष्य के इस नए समाचार माध्यम में आपका स्वागत है। जल्द ही आपको पढ़ने को मिलेंगे यहां देश के वे समाचार जो आपके लिए रखते हैं महत्व। इन समाचारों के पीछे छिपे तथ्य और इनके मतलब भी आप जान सकेंगे।